Punjab सरकार का अहम निर्णय, सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के 3 किलोमीटर के दायरे में इको-सेंसिटिव जोन लागू
Punjab सरकार ने सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के 3 किलोमीटर के दायरे में इको-सेंसिटिव जोन (ESZ) लागू करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद इस क्षेत्र में उच्च भवनों (हाई-राइज बिल्डिंग्स) और नई निर्माण गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। इस फैसले का सीधा असर सुखना, नयागांव, कंसल और न्यू चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों पर पड़ेगा, जहां लगभग 1.5 से 2 लाख लोग प्रभावित होंगे।
इको-सेंसिटिव जोन क्या है?
इको-सेंसिटिव जोन (Eco-Sensitive Zone – ESZ) ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। इस तरह के क्षेत्र वन्यजीवों और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। केंद्र सरकार द्वारा इको-सेंसिटिव जोन के तहत पर्यावरणीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्यों और अन्य पर्यावरणीय गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया जाता है।
सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी का महत्व
सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी पंजाब का एक प्रमुख जैविक संरक्षण क्षेत्र है। यह क्षेत्र चंडीगढ़ के नजदीक स्थित है और यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों की प्रजातियां पाई जाती हैं। यह अभयारण्य न केवल स्थानीय पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है।
इस अभयारण्य के आसपास की शहरीकरण प्रक्रिया ने कई सालों से इस क्षेत्र के जैविक संतुलन पर दबाव डाला है। ऐसे में यह कदम सुखना के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए उठाया गया है।
पंजाब सरकार का निर्णय: क्या है उद्देश्य?
पंजाब सरकार ने सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के आसपास के 3 किलोमीटर क्षेत्र में इको-सेंसिटिव जोन लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत इस क्षेत्र में सभी प्रकार के नए निर्माण कार्यों और ऊंची इमारतों का निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।
इस कदम के तहत, जो लोग इस क्षेत्र में निवास कर रहे हैं, उन्हें भी इसके दायरे में आने वाले क्षेत्र में कोई भी नई इमारतें बनाने या उच्च स्तर की निर्माण गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि इस क्षेत्र में पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके और जैविक विविधता को बनाए रखा जा सके।
नवीन निर्माण पर रोक से प्रभावित होने वाले क्षेत्र
इको-सेंसिटिव जोन के लागू होने के बाद सुखना, नयागांव, कंसल और न्यू चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों में उच्च भवनों और निर्माण कार्यों पर रोक लग जाएगी। इस कदम का असर इन क्षेत्रों के शहरीकरण पर पड़ेगा।
यह निर्णय मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में प्रभावी होगा जहां हाल के वर्षों में तेज़ी से शहरीकरण और निर्माण कार्य हो रहे थे। इन क्षेत्रों में नए भवनों, अपार्टमेंट्स और व्यापारिक केंद्रों के निर्माण की योजना थी, लेकिन अब इन योजनाओं पर रोक लगने से कई स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बीजेपी का आरोप: सरकार का इरादा
पंजाब बीजेपी के मीडिया प्रभारी विनीत जोशी ने पंजाब सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह कदम जानबूझकर नयागांव, कंसल और न्यू चंडीगढ़ के निर्माण कार्यों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। उनका कहना था कि यह निर्णय इन क्षेत्रों के शहरीकरण को धीमा करने के लिए लिया गया है, जो भाजपा समर्थकों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
विनीत जोशी का आरोप था कि पंजाब सरकार इस कदम के जरिए इन क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों को राजनीतिक कारणों से रोकना चाहती है और यह सरकार की नीयत को लेकर सवाल खड़े करता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले के कारण कई परिवारों को अपने घर बनाने या विस्तारित करने की योजनाओं में रुकावट का सामना करना पड़ेगा।
स्थानीय नागरिकों पर प्रभाव
इको-सेंसिटिव जोन के लागू होने से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोग वे होंगे जो इन क्षेत्रों में संपत्ति के विकास और निर्माण में निवेश कर चुके हैं। ऐसे लोग जो पहले इन क्षेत्रों में अपनी संपत्ति पर निर्माण कार्य कर रहे थे, अब उन्हें अपनी योजनाओं को रोकने या बदलने की आवश्यकता होगी।
इसके अलावा, इन क्षेत्रों के विकास से जुड़े कई रोजगारों पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को अब काम मिलना मुश्किल हो सकता है। साथ ही, व्यापारिक गतिविधियों और संपत्ति के दामों पर भी असर पड़ेगा।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से लाभ
इस फैसले का पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है। सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी का क्षेत्र जैविक विविधता से भरपूर है और यह क्षेत्र पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उच्च निर्माण और शहरीकरण से इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन, जैविक विविधता की कमी और प्रदूषण बढ़ सकता था।
इको-सेंसिटिव जोन की घोषणा से इस क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाया जा सकेगा और यह वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, यह कदम पंजाब सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
पंजाब सरकार का सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के आसपास के 3 किलोमीटर के दायरे में इको-सेंसिटिव जोन लागू करने का निर्णय पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हालांकि इस फैसले से स्थानीय शहरीकरण और निर्माण कार्यों पर असर पड़ेगा, लेकिन यह कदम पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने और जैविक विविधता की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
इस फैसले के बाद, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस निर्णय से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक समाधान उपलब्ध हों। इसके साथ ही, स्थानीय नागरिकों और व्यापारी समुदाय को इस बदलाव के प्रति जागरूक करना भी सरकार की जिम्मेदारी होगी।